How to work Paracetamol पेरासिटामोल कैसे काम करती है Paracetamol side effects – पेरासिटामोल से जुड़े संभावित नुक्सान Precautions about पेरासिटामोल से जुडी चेतावनी



  • How to work Paracetamol पेरासिटामोल कैसे काम करती है

  • Paracetamol side effects – पेरासिटामोल से जुड़े संभावित नुक्सान
  • Precautions about पेरासिटामोल से जुडी चेतावनी


  • जैसे की ऊपर बताया गया है, पेरासिटामोल एक प्रकार की NSAID मेडीसिन है. NSAID समूह की दवाएँ एक साईंक्लोओक्सीजनेस (Cyclooxygenase) नाम के एंजाइम को रोकने का काम करती हैं. यह एंजाइम तीन प्रकार का होता है हमारे शरीर में दर्द पैदा करने वाले पदार्थ बनाता है. पेरासिटामोल इसमें से टाइप ३ वाले साईंक्लोओक्सीजनेस एंजाइम को नियंत्रित करके बुखार को कम करने में सहायता करती है. इसके अलावा पेरासिटामोल कुछ और ऐसे केमिकल्स को रोकती है जो सूजन और दर्द पैदा करते हैंपेरासिटामोल का उपयोग – Paracetamol uses in Hindi
    पेरासिटामोल टेबलेट (Paracetamol tablet) को इन तरह के रोगों में होने वाले दर्द या बुखार में लिया जाता है.
    • सर दर्द
    • जोड़ों का दर्द
    • कमर का दर्द
    • कान का दर्द
    • औसटीओआर्थराइटिस
    • दांत का दर्द
    • माँसपेशियों का दर्द
    • मासिक धर्म का दर्द
    • माइग्रेन और बुखार
    • सर्दी जुकाम में होने वाला बुखार
    • वायरल बुखार
    • किसी भी अन्य रोग में होने वाला बुखार
    अमेज़न (Amazon) जैसे ऑनलाइन स्टोर पर कुछ उपचारात्मक विकल्प उपलब्ध हैं।
    पेरासिटामोल का अत्यधिक प्रयोग या अगर पेरासिटामोल सूट न करे, तो इस तरह के नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं.
    • त्वचा की लाली
    • एलर्जिक परेशानी
    • सांस लेने में तकलीफ
    • नाक बहना
    • उलटी का अहसास होना
    • लीवर को नुक्सान
    • असामान्य ब्लड काउंट
    • त्वचा के ऊपर फोड़े होना
    • मुँह सूजना
    ऊपर लिखे गए साइड-इफेक्ट्स के अलावा कुछ और भी साइड-इफेक्ट्स हैं परन्तु ये काफी कम लोगों में ही देखे गए हैं जैसे-काले या खूनी रंग का मल
    • खूनी या बादली रंग की पेशाब
    • होंठों पर या मुँह में छाले और सफेद निशान
    • त्वचा पर लाल धब्बे, दाद-खुजली और दाने पड़ना
    • गले में खराश
    • असामान्य कमजोरी या थकान
    • बिना किसी और रोग के भी बुखार आना
    वैसे तो कोई भी दवा लेने से पहले यह अच्छा है की डॉक्टर से सलाह ली जाए परन्तु कई बार शुरुवाती बीमारी में लोग खुद से भी पेरासिटामोल का उपयोग करने लगते हैं. लेकिन यह जरुरी है की इसके प्रयोग में सावधानी बरती जाए, जैसे की पेरासिटामोल की एक दिन में अधिकतम मात्रा ४००० मिली ग्राम से ज्यादा नहीं हो. अगर मरीज शराब पीने का आदि हो तो पेरासिटामोल के उपयोग से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ लेना चाहिए और एक दिन में अधिकतम मात्रा २००० मिली ग्राम ही लेना चाहिए.
    एक समय में इसकी अधिकतम खुराक  १००० mg से ज्यादा न हो, और एक खुराक लेने के बाद दूसरी में करीब ४-६ घंटे का अंतराल  हो. सामान्य प्रयोग में वयस्कों के लिए पेरासिटामोल ५०० mg की टेबलेट हर ४-६ घंटे में लेना पर्याप्त है.
    बच्चों में पेरासिटामोल शरीर की वजन के हिसाब से दी जाती है, जिसका विवरण दवा की बोतल में ही अक्सर लिखा होता है, परन्तु अच्छा यही है की ज्यादा बार पेरासिटामोल देने की नौबत आये तो पहले डॉक्टर से मिल लें.
    अगर आपको पेरासिटामोल का उपयोग दो या ज्यादा से ज्यादा तीन दिन तक करना पड़े, और बुखार फिर भी नहीं गया हो तो एक बार डॉक्टर को दिखा लेने में ही भलाई है. लम्बे समय तक बिना डॉक्टर के परामर्श पेरासिटामोल का उपयोग सही नहीं है, और ऐसा करने से कुछ और गंभीर समस्या भी हो सकती है.

    पेरासिटामोल दवा का प्रयोग मेडिकल रिसर्च में गर्भ और स्तनपान के वक़्त सुरक्षित पाया गया है. परन्तु गर्भवती महिलाएं पेरासिटामोल लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ लें. इसी तरह स्तनपान करने वाली माँ भी डॉक्टर से परामर्श विमर्श जरूर करे
    Drx(L)-Sudheer goswami 

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